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नाना / अमरेन्द्र

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फुर-फुर-फुर-फुर उड़ै छै के
हर बातोॅ पर कुढ़ै छै के
सुतलौ पर गाबै छै गाना
खर्राटा लै खुब्बे नाना
नाना के खर्राटा केहनोॅ
राती ठनका ठनकै जेहनोॅ।