नानी के संग / प्रकाश मनु
नानी के संग गए थे मेला
खूब मचा था ठेलमठेला,
हाथी देखा, छोटी रेल
बंदर-बंदरिया का खेल।
हाथी, रेल, बंदरिया, बंदर
चार चीजें देखीं, हमने चार चीजें देखीं
प्यारी नानी के संग!
नानी के संग गए थे सर्कस
अजब, अनोखे देखे करतब,
देखे बौने, हँसता जोकर
मुर्गे की गाड़ी थी सुंदर।
मुर्गा, गाड़ी जोकर, बौने
चार चीजें देखीं, हमने चार चीजें देखीं
प्यारी नानी के संग।
नानी के संग गए बरात
दिन से भी उजली थी रात,
बैंड-बाराती वहाँ सजे थे
दूल्हा-दुलहन बने-ठने से।
दूल्हा-दुलहन, बैंड-बाराती
चार चीजें देखीं, हमने चार चीजें देखीं
प्यारी नानी के संग!
नानी के संग-संग चिड़ियाघर
देखा हमने घूम-घामकर,
शेर, भेड़िया, भालू और
छम-छम नाच रहा इक मोर।
शेर, भेड़िया, भालू, मोर
चार चीजें देखीं, हमने चार चीजें देखीं
प्यारी नानी के संग!