निर्माण में कुछ छूटा सा / रेखा चमोली
उसने बनाना शुरू किया
एक सुंदर आरामदायक घर
अपने सपनों इच्छाओं महत्वकांक्षाओं
को बनाया
नींव की ईंट
बचपन से किशोरावस्था तक की
सारी क्षमताएं लगा दीं
ढांचा खड़ा करने में
मर्यादा प्रतिष्ठा कर्तव्य अनुशासन
सब मिला कर बनायी
मजबूत छत
निर्मल हंसी एवं स्वच्छ हवा के लिए
बहुत जरूरी हैं
खिड़की दरवाजे
एक टुकड़ा चांद
कुछ रेशमी किरणें
थोड़ी सी गर्माहट और
चंद ठंडी बौछारों के लिए
अपनी अरमानों और भावनाओं से
खड़ी की चौखटें
बनाए पल्ले
मकान का रंगरोगन भी
आवश्यक था
तो घोली और झटपट लगा दीं
अपने चेहरे की लाली मासूमियत
शरीर का लावण्य
हथेलियों की कोमलता
आखिर घर तैयार हुआ
जैसे कई दिनों की बरसात के बाद
सूर्य चमका हो
नीले साफ आसमान में
आज उसका गृहप्रवेश है
वह खुश है और बेहद
उत्साहित भी
पर कुछ कमी सी है
उसके चेहरे पर लालिमा नहीं है
मन भावनाओं से रिक्त है
हथेलियों में कोमलता की जगह
पड़ गई हैं चुभती दरारें
होठों पर सहज मुस्कान
बातों में खनखनाहट नहीं है
कई दिन हो गए उसे
नए घर में रहते रहते
घुटन और सीलन
जाने कहा से आके बस गई हैं?
अब वह एक और
नया घर बनाना चाहती है
पर कैसे?