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निशानेबाज़ी / स्वप्निल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
पिछले दिनों की तरह फिर
खेला जाएगा खेल
एक खेल जिसमें आदमी बन्दूक लेकर
आएगा
एक चिड़िया आसमान में
उड़ाई जाएगी
आदमी उस पर लगाएगा निशाना
लद्द से ज़मीन पर गिर पड़ेगी चिड़िया
ज़मीन पर फैल जाएगा ख़ून
दर्शक ताली पीट कर हँसेंगे
वाह! क्या बढ़िया निशाना है
इस शिकारी का
शिकारी अपनी दाढ़ी पर हाथ
फेरते हुए हँसेगा
अपनी बन्दूक चूमेगा
फिर शिकारी के सामने
खड़ा किया जाएगा एक आदमी