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नींद परी / राम करन
Kavita Kosh से
चाँद-तारो का शामियाना,
रात बुने जब ताना-बाना।
साँझ ढली हो जुगनू भरी,
हौले से आना नींद परी!
आना, आना, पलकों में आना,
फिर बन जाना स्वप्न सुहाना!
लाना, लाना, जादू-छड़ी!
हौले से आना नींद परी।
खेल खिलौने भर भर लाना,
बिन बोले तुम घर में आना!
लाना पिटारा भरी भरी,
हौले से आना नींद परी!
जादू से इक बाग बनाना,
रंग-रंग के फूल खिलाना!
मिल सब गायें स्वर-लहरी,
हौले से आना नींद परी!