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नूह नारवी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
Kavita Kosh से
सुना था और किताबों में देखा था कि अकबरे-आज़म के नौ वज़ीर थे जो नौ रतन कहे जाते थे। अब पंडोरी ज़िला गुरदासपुर से भी एक 'रतन' नुमायां हुआ। 'रतन' साहिब ने उर्दू कलाम के अलावा फ़ारसी और ज्योतिष में भी दस्तरस हासिल की है। ग़ज़ल के अलावा ये नज़्में भी कहते हैं और तारीख़ गोई में कामिल दस्तरस रखते हैं। जितनी तारीखें निकाली हैं वो क़ाबिले-तारीफ़ हैं।