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नोर पोछनिहार / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
Kavita Kosh से
हमरा छोड़ि
चलि गेली
दोसराक नोर पोछबा लेल
जिनगी सम्हारबा लेल
ओकर जिनगीमे रंग भरबा लेल।