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पक्षीविदों का कहना है / गिरिराज किराडू
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पक्षीविदों का कहना है यहाँ चौवन तरह के परिंदों ने अपना घर बसा लिया है । सब बड़े मज़े से रहते हैं कबूतरों को घास पर सोते हुए सिर्फ यहीं देखा है मैंने ।
कल सुबह इतनी मधुमक्खियाँ मरी हुई थीं । पाँव बचाकर अंदर पहुँचते हुए लगा संहार के किसी दृश्य में हैं मारे गए लोग पड़े हैं चारों तरफ़
उधर पक्षी सब अपने में मगन थे ।