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पलखति / ककबा करैए प्रेम / निशाकर

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नेनाक हिचकब रुकतै
रोगीक रोग खतम होयतै
युवा कौशल अर्जित करतै
घरनी स्वागत लेल हाजिर रहथिन
पुरुष पौरुष बढ़ौथिन
मसोमातिक हालति सुधरतै
सैनिकक जोश बढ़तै
फुलवाड़ीमे फुल फुलैते
जहान सुरभित होयतै
एहि लेल
सभकें चाही
थोड़े कालक पलखति।