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पहिलो फेरो फेरे लाड़ी, कन्या च कुमारी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पहिलो फेरो फेरे लाड़ी, कन्या च कुमारी,
दूजो फेरो फेरे लाड़ी, कन्या च माँ की दुलारी।
तीजो फेरो फेरे लाड़ी, कन्या च भायों की लड्याली,
चौथो फेरो फेरे लाड़ी, मैत<ref>मायका</ref> छोड़याली।
पाँचों फेरो फेरे लाड़ी, सैसर<ref>ससुराल</ref> की च त्यारी,
छठो फेरो फेरे लाड़ी, सासु की च ब्वारी<ref>बहू</ref>,
सातों फेरो फेरे लाड़ी, कन्या ह्वे चुके तुमारी।

शब्दार्थ
<references/>