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पहेली / सुनीता जैन
Kavita Kosh से
तुम जहाँ रहते हो
वह शहर मैंने नहीं देखा
मुझे नहीं मालूम कि वह
नया है या पुराना
वहाँ की सड़कें संकरी हैं या
राजमार्ग-सी चौड़ी
मुझे यह भी नहीं पता कि
वहाँ वनस्पति बस यूँ ही-सी है
या गहरी रहस्यमयी
हाँ, मुझे पता है कि
उन पीले, सफेद या मटमैले
घरों में से एक घर है
जिसके बाहर तुम्हारा
नाम लिखा है
और जिसके भीतर तुम
अंकित रहते हो पूरा-पूरा
किंतु आजकल हतप्रभ हो,
कि एक वृक्ष घनेरा, कैसे और कहाँ से
घर के इतने
अंदर तक आया,
पर पूछते नहीं कुछ भी
इस भय से कि
यह हो न कहीं
धर्मराज के यक्ष-सी, माया
अब पूछो
मुझको यह
किसने बतलाया?