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पापा घोड़ा बनो / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
पापा! घोड़ा बनो।
पापा! घोड़ा बनो।
रूठा बैठा हूँ कबसे
मनाओ मुझे,
न बहाने बनाकर रुलाओ मुझे,
पापा! घोड़ा बनो।
पापा! घोड़ा बनो।
चलो, जल्दी पिठोली
चढ़ाओ मुझे,
पूरे कमरे का चक्कर
दिलाओ मुझे।
पापा! घोड़ा बनो।
पापा! घोड़ा बनो।
हिनहिनाकर ज़रा-सा दिखाओ मुझे,
रो चुका हूँ बहुत,
अब हँसाओ मुझे।
पापा! घोड़ा बनो।
पापा! घोड़ा बनो।