भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पायल / इंदिरा व्यास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छोटी ही जद
कित्तो चाव हो
पगां में पायल बांधण रो
आज
जद बंधगी पायल
तो उणीं पगां री पायल
म्हनैं कर दी घायल।