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पिछला / मधु शर्मा
Kavita Kosh से
गाढ़े गहरे के पीछे
छिपा है फीका
रंग ने कहा--
और हँस दिया
तेज़ के बहुत बाद
आएगा आगे धीमा
बताया रास्ते ने,
वह ठहरा नहीं
मैंने एक फीका उठाया
और धीमे से कहा--
'चलो!'