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पिता / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
पिता बनाता रहा
ता-उम्र योजना
बच्चों को पढ़ाऊंगा
बड़ा अफसर बनाऊंगा
निकम्मों ने समय को ना समझा
एक कट मरा
दूसरा जल मरा
और
तीसरा
पड़ोसन की बेटी को
फुसलाकर ले भागा
और
पिता बौखला गया
पगला गया
मेरे बेटे
तीन बेटे ...
इससे अच्छा तो ना होेते
काहे के बेटे ...
कैसे बेटे
निकम्मे बेटे !!