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पिता पत्रकार / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
बेटा नींद में
बार-बार चौंकता है
पापा आ गए क्या?
उसने आज सीखा है
पहला वर्णाक्षर...
स्लेट पर अक्षर
चमक रहे हैं
जैसे चमके थे अरमान
दो मासूम आँखों में
‘पापा कितने खुश होंगे
खूब प्यार करेंगे’
वह रोमाँच से भरा
स्लेट को सीने से लगाए
टहलता रहा लगातार
स्कूटर की आवाज पर
बाहर दौड़ता
फिर उदास होकर लौटता रहा
आखिर थक कर सो गया
और इधर पिता पत्रकार
समाचारों में
संवेदना की तलाश में
व्यस्त हैं...