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पियास / महेन्द्र
Kavita Kosh से
अहाँक स्नेह
आ
हमर सेहन्ताक घरमे
औनाइत रहैत अछि मोन
एकटा स्पर्शक लेल
हथोड़िया दैत रहैत अछि।
अहाँक स्नेह
आ हमर स्नेहिल स्वभाव
अन्हारसँ भरल
कतोक बासनमे हमर हाथकें
बिन्हैत रहैत अछि
दकचैत रहैत अछि तन-मनकें मीत !
कनै सहयोग करू
खोलि दियौ कोनो खिड़कीक पट्टा
हम ताकि लेब अहाँक स्नेह आ
अपन सेहन्ता
आकाशमे चमकैत बिजुरीक रेखाक
चितकबरी इजोत
सहियारि देत।