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पून री लैरयां / भंवर भादाणी
Kavita Kosh से
जाणै है सगळा लोग -
तपते तावड़ै री तीख
ओकळती रेत रा
चड़का
अर
लू रा
झपट्टा
खोल राखी है
खिड़क्यां
इण भरौसे
कै
कदे ई
आवैला
ठण्डी पून री लैरयां।