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पेड़-1 / अदोनिस
Kavita Kosh से
उसे नहीं पता कि कैसे सँवारा जाए तलवारों को
क्षत-विक्षत अंगों से ।
उसे नहीं पता कि कैसे बनाया जाए
अपने दाँतों को चमकता-दमकता ।
वे खोपड़ियों और ख़ून की नदी से आए हैं उसके पीछे
और फाँद चुके हैं नीची दीवार
और वह दरवाज़े के पीछे है
(वह सपना देखता है कि दरवाज़े के पीछे वह अभी बच्चा ही है)
भूखे शख़्स की आख़िरी क़िताब पढ़ते हुए ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल