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पेड़ आहिस्ता-आहिस्ता करते हैं बातें / कुमार सुरेश
Kavita Kosh से
सभी पेड़
आहिस्ता आहिस्ता करते हैं बातें
हवा के झोंकों के साथ
पत्तियों की में सर-सर में
बारिश से भीगने पर
फूलों से लदकर
नहीं हो किसी बरस बारिश
लकड़हारे के पास आने पर
छुए कोई पत्तियाँ दुलार से
फलों के बोझ से झुककर
पतझड़ चुरा ले वसन
या बहार पहना दे नए वस्त्र
उनके जीवन की
हरेक खास घटना के बारे में
हमसे अनूठी भाषा में
सम्वाद करते हैं पेड़