भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पैसे सां / लक्ष्मण पुरूस्वानी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छोकर मिली सघे थो, पुटु किथां मिली सघन्दों
नौकर मिली सघे थो, सेवक किथां मिली सघन्दों
औरत मिली सघे थी, जाल किथां मिली सघन्दीं
पलंगु मिली सघे थो, निंड किथां मिली सघन्दीं
रोटी मिली सघे थी, ढउ किथां मिली सघन्दों
ऐनक मिली सघे थी, नजर किथां मिलीं सघन्दों
मूरित मिली सघे थी, मालिकु न मिली सघन्दों
सहूलियत मिली सघे थी, सुखु किथां मिली सघन्दों
मंदिर मिली सघे थो, राम किथां मिली सघन्दों
दवा मिली सघे थी, दुआ किथां मिली सघन्दीं
जहर मिली सघे थो, अमृत किथां मिली सघन्दों
मास्तर मिली सघे थो, अकुल किथां मिली सघन्दों
किताबुं मिली सघे थो, विद्या किथां मिली सघन्दीं
हथियार मिली सघन था, हिम्मत किथां मिली सघन्दीं
पाउडर मिली सघे थो, सुंह किथां मिली सघन्दीं
सूरत मिली सघे थी, सीरत किथां मिली सघन्दीं
कलम मिली सघे थी, दाति किथां मिली सघन्दीं
वाकिफ मिली सघे थो, यार किथां मिली सघन्दों
शान रखी सघिजे थी, सम्मान किथां मिली सघन्दों
शक्ति मिली सघे थी, भक्ती किथां मिली सघन्दीं
साधन मिली सघन थां, साधना किथां मिली सघन्दीं
शरीर मिली सघे थो, आत्मा किथं मिली सघन्दीं
इन्सान मिली सघे थो, इन्सानियत न मिली सघन्दीं
शायर मिली सघे थो, शायरी न मिली सघन्दीं
कवि त मिली सघे थे, कविता न मिली सघन्दीं
दिलासो मिली सघे थो, पर दिल किथां मिली सघन्दीं
वाइदो मिली सघे थो, प्यार, दिलदार किथां मिली सघन्दों
जफा त मिली सघे थी, वफा किथां मिली सघन्दीं
मौत मिली वेंदी ‘लक्षमण’, जिन्दगी किथां मिली सघन्दीं