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पोलम पोल हो गई काया / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
मोटू जी, ओ मोटू जी,
थोड़े से पतले हो जाओ,
मोटू जी, पतले हो जाओ!
भैया, ऐसा पेट फुलाया
इतना खाया, इतना खाया,
ठूँस-ठूँसकर इतना खाया
खाकर के लेकिन क्या पाया?
पोलम-पोल हो गई काया!
ऐसी काया से क्या से पाया,
मोटू जी, इतना बतलाओ!
कम खाओ, थोड़ा गम खाओ
तो अच्छे तुम बन जाओगे,
जीवन में कुछ फुर्ती होगी
सबके प्यारे कहलाओगे।
सारी सुस्ती गायब होगी
नहीं रहोगे भैया, रोगी,
शर्त यही, बस, काम कोई हो
मोटू जी, झटपट कर लाओ!
मोटू जी, झटपट कर लाओ!
मोटू, थोड़ा दौड़ो-भागो,
फिर मीठे सुर में कुछ गाओ,
मोटू जी, पतले हो जाओ!