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पोलैण्ड के बारे में / रणजीत

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1 : फटन

बीचों बीच से फट गया है
'सर्वहारा तानाशाही' का शानदार पोस्टर
और सर्वहारा हवा में मुट्ठियाँ लहरा-लहरा कर
अपने हिस्से की रोटी और गोश्त माँग रहे हैं
अपने ही नाम पर खड़ी की गई तानाशाही से ।

पूरी जनता एकजुट होकर
लड़ रही है
'जनता के जनतंत्र' से !
अपने जनतांत्रिक अधिकारों के लिए !!
यहाँ तक कि
एकाश्म 'कम्युनिस्ट पार्टी' भी पूरी तरह से टूट गई है
ट और प के बीच से
और वर्शावा में आन्दोलित 'कम्युनिस्ट'
संघर्ष कर रहे हैं
मस्क्वा में गिरवी रक्खी हुई अपनी 'पार्टी' के साथ !
मार्क्सवाद का रचनात्मक विकास
जूझ रहा है मार्क्सवाद के 'वैज्ञानिक सिद्धांत' से
पोलैण्ड के बारे में


2 : अधिकार

मज़दूरों ने लम्बी हड़तालें कर
पार्टी से अलग
अपना स्वतंत्र मज़दूर संघ बनाने का अधिकार हासिल कर लिया
छात्रों ने भी अपना स्वतंत्र छात्र संघ बना लिया है
किसानों के स्वतंत्र किसान संघ बनाने के अधिकार को
अभी कल ही मान्यता मिली है
अब तो बिचारी पोलिश कम्युनिस्ट पार्टी को भी
अपनी एक स्वतंत्र पार्टी बनाने का अधिकार
मिलना ही चाहिए ।

3 : अपने आप से

तुम किसके साथ हो ?
मज़दूरों के
या मालिकों के ?
क्या तब भी ?
जब मालिक अपने को मार्क्सवादी बताते हों
और मज़दूर कैथोलिक ?

तुम किसके साथ हो ?
शोषकों के या शोषितों के ?
क्या तब भी ?
जब शोषक अपने को साम्यवादी कहते हों
और शोषितों को पूंजीवाद के एजेंट ?

तुम किसके साथ हो ?
दूसरों के देश में टैंक भेजने वालों के ?
या टैंको पर बम न फेंक कर
उनके चालकों से बहस करने वालों के ?

तुम किसके साथ हो ?