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प्याज़ में बेसन सान मियाँ / रोशन लाल 'रौशन'
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प्याज़ में बेसन सान मियाँ
और पकौड़ी छान मियाँ
झूठ में है नुकसान मियाँ
बात समय की मान मियाँ
आँखों में है मोतियाबिन्द
चश्मे से पहचान मियाँ
भोली-भाली आपकी जात
शातिर है शैतान मियाँ
लूट भी जायज बख़्शिश भी
मस्जिद में दो दान मियाँ
यह क्या भेस बनाया है
दर्पण है हैरान मियाँ
फूलों में वो जंग छिड़ी
टूट गया ग़ुलदान मियाँ
सच को मत झुठला 'रौशन'
यूँ मत बन अनजान मियाँ