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प्यार करने वाले कभी डरते नहीं / आनंद बख़्शी
Kavita Kosh से
लोगों से सुना है किताबों में लिखा है
सब ने यही कहा है सब ने यही कहा है
प्यार करने वाले कभी डरते नहीं
जो डरते हैं वो प्यार करते नहीं
लम्बी दीवारें चुनवा दो लाख बिठा दो पहरे
रस्ते में बिछा दो ऊँचे पर्वत सागर गहरे
तूफ़ाँ कब रुकते हैं बादल जब झुकते हैं
तारे कह उठते हैं सारे कह उठते हैं
प्यार करने वाले कभी डरते नहीं ...
प्यार छुपे न खुशबू ये एलान कहो तो कर दूँ
चुटकी भर सिन्दूर मँगा दे माँग मएं तेरी भर दूँ
दुनिया क्या कर लेगी दुनिया से कहेगी
बस कहती ही रहेगी, बस कहती ही रहेगी
प्यार करने वाले कभी डरते नहीं ...