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प्यारी (विलाप) / भिखारी ठाकुर
Kavita Kosh से
हाय हाय राजा कैसे कटिये सारी रतिया
जबले गइले राजा सुधियो ना लिहले, लिखिया ना भेजे पतिया ।। हाय हाय....
हाय दिनवां बितेला सैयां बटिया जोहत तोर, तारा गिनत रतियाँ ।। हाय हाय...
जब सुधि आवै सैयां तोरी सुरतिया बिहरत मोर छतिया ।। हाय हाय...
नाथ शरन पिया भइले बेदरदा मनलेना मोर बतिया ।। हाय हाय...