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प्रतिबद्ध / भरत ओला
Kavita Kosh से
जब मैं
फूल को तोड़ना चाहता हूं
वह छिटक कर
दूर जा गिरता है
गुदगुदी घास पर
चुपके से
दो बूंद छोड़ देती है टहनी
मेरे प्रश्न के उत्तर के लिए
बढ़िया है
गंदा होने से पहले
मर जाना