भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्राणहीन / अल-सादिक अल-रादी / विपिन चौधरी
Kavita Kosh से
तुम्हारा हृदय
इस तरह धड़कता है मानो
वह पहले ही मौजूद हो
तुम्हारी देहरी पर,
या जैसेकि
मुझे हो उसका इन्तज़ार
ठीक वैसे ही
जैसे दुपहर के समय
ढेरों पक्षी आकर तुम्हारे दरवाज़े पर
करते हैं प्रहार ।
धैर्य की उम्र,
धड़कता हुआ एक वन ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : विपिन चौधरी