प्राथमिक शिक्षक-3 / प्रभात
3.
अरे ऐ लड़के टाइम क्या हो गया
घण्टी समै पर लगा दी थी तुमने ?
लगा दी थी, बढिया
सब कमरों के ताले खोले सफाई की ?ठीक
प्र-थाना हो गई ? ठीक
गंगाराम आ गया ? ठीक
आईए आईए रामसरूप जी
बड़े दिनों में दर्सण दिए
कहीं बार-वार चले गए थे क्या ?
और बाल-बच्चे खेती-बाड़ी गांव-ढाणी
सब बढ़िया तो है न ?
अपणा सब ठीक चलराअै साब आपकी दया से
फस्सक्लिास स्कूल चलराअै
अपण ने तो देखो साब इस ऐजूकेस-नल
डिपाट में आकर ये ही सीखा है
खरी खैणा और सुकी रहणा क्यों ?
गल्त खैराउं तो बताइए आंप हैंहैं
तो ये तो साब देस जो है न ऐसे ही चलेगा
और सु णाओ
आपके तो मजे हैं जी
मैं तो कहता हूं छोटी नौकरी करनी है तो
आपकी तरै तैसील की करौ
ओवर इनकम के सोर्स भौत हैं
तौंगली उठाके आते हैं गंवार लोग
तौंगली झड़ाके चले जाते हैं
क्या ? (क्या के साथ ही दीपक एमएलए...)
हमारे अब आप देखो दो कमरों का ये पैसा है
नया अधिकारी आए दिन गिद्ध की तरह चक्कर काट रहा है
बूझो क्यों ? कमीशन तो पहले वाड़ा ले गया ज्यौं
अपण को कुछ खास नहीं मिला साब
येई कोई दो ढाई पांच सात के लमसम
बाकी कुच्छ लेण-देणा नहीं है
वो तो भला हो गंगाराम का जिसे
ईमानदारी का भू-खार छंडा रहता है चौबीसों धण्टे
वरना इसमें भी बांट-चूंट होई जाती
क्या ?(क्या के साथ ही...)
ऐ लड़के इधर आ बेटा
उसके लात क्यों मार्रा था ?
बो तेरे घूंसा क्यों मार्रा था ?
तुम यार फिल्मों में क्यों नहीं चले जाते
फाईटिंग बण जाणा वहां जाके ?
ऐसे इसकूल में लड़ना नहीं चाईये बेटे
भाई-भाई की तरह रैना चाहिए
जैसे हिन्दी-चीनी रहते हैं
अब चीनी में तो तुम समझ गए होगे
मीठी लगती है
पर हिन्दी में नहीं
समजने की जुरत भी नहीं
चल एक काम कर ये ले पैसे
और भाईसाब के लिए फोर-इस्क्वायर लिया
अपणै एसमएसी के मुख्य माननीय मेम्बर हैं भाईसाब
जान्ता तो है न कैसी आती है
ये पैकिट साथ में ले जा
और हां बच्चों से बोल कक्स्या में बैठें
खैना किताब खोलकर पाठ पढ़ो सारे
माटसाब डण्डा लेके आरे हैं
और सुण ले के आ फटाफट
हैडमास्टसाब वाड़े रूप में आणा
रूप में क्या वो रूम में आणा
और साब सुणाओ आपके पिलाट का क्या चलराहै ?
हमें भी उधरी कोई दिलाओ न
अब मास्टरी में तो देखो लेणा-देणा कुछ है नहीं
तीस हजार मिलते हैं
आप जाणौं क्या होता है इस मंहगाई के जमाने में
पेट्रोल की कीमत किसी भी मोमेन्ट पे बढ जातीअै
जीप की आवाज कैसी है ?
पोसार चैक करने वाले हैं शायद ?
बैठिए आप तो बिराजिए साब
अच्छा अच्छा नए बीओ साब पधारे हैं
आइए आइए
आइए साब
आइए आइए
और साब बड़े दिनों में दर्सण दिए
और अपणे इसकूल में वो
फर्नीचर वाड़े बज्ट क्या हुआ साब ?
अरे ऐ लड़के पाणी पिला साब को
अरे ऐ लड़के
पैली-दूसरी वाड़ो की छुट्टी कर दे क्विकली
साब आ गए समै नहीं है
और साब सुणाएं
बच्ची के सम्बन्ध का खहीं बैठा के नहीं
अब वो तो देखो लिखी होगी जो होगी
कर्तब करणा अपणा फर्ज है क्या नाम से
मैंने सुणा साब बर्मा को एपीओ कर दिया ?
अकेले अकेले बणाणे के चक्कर में होगा
बडिया किया
राह-रीत का तो जमाना ही नहीं रहा
इस बार शिक्सक दिवस पर सम्मान-वम्मान कराओ साब
आपके राज में नहीं होगा तो कब होगा
आप अपणा समझते हैं इसलिए
आपसे जो दिल में है वो कह देते हैं
वरना अप्पण को क्या तो लेणा सम्मान से
क्या देणा वम्मान से
क्यों साब क्या नाम से ?
एक बात है साब अपणा इस्कूल अफग्रेड हुआ है तो
इस बार फंक्सन में कुछ रंगा-रंग हो जाए
आपका आदेश हो तो खाद मंत्री जी से मैं बात कर लूं
अपणे गांव के ही हैं
आपके हाथों माल्यार्पण हो जाए मंत्री जी को
इस्कूल में एक और हैडपम्प की घोषणा पक्की समझो
वैसे इतने हैण्डपम्पों का करेंगे क्या
पाणी दे तो एक ही भौतअै
पर कुछ और घोषणा करवा लेंगे बिद्याल्यै बिकास के लिए
नगद जैसा कुछ
क्या है रे लड़के इधर क्या घूमरा है
कक्सा में जाके बैठ
अरे साब के बच्चे बोला न बाद में आणा
जो भी लाया है बाद में लाणा
देख्ता नहीं बीओ साब पधारे हैं
क्या हुआ साब चल दिए ?
बैठते न साब
अबी आए अबी चल दिए
दयाद्रस्टी रखणा
अरे ऐ लड़के
ले आया बेटा लेआ लेआ
भाईसाब को दे पाकिट
और रामझारे में पाणी लेके आ
तो ये हालत है साब
अधकारी लोग सिर पर छंडे रैहते हैं
अब पढाओ कब ?
आपके सामने खै गए कि नहीं
ये डाक नहीं भेजी बो डाक नहीं भेजी
मैं तो इस्पैस्ट खैता हूं
या तो डाक्खाना ही चला लो
या इस्कूल ही चला लो
पण ये तो ऐसे ही है सिस्टम
पूरा का पूरा सिस्टम भ्बस्ट हो गया है
अरे ऐ लड़के इधर आ
छुट्टी की धण्टी लगा
और सुण मोटर साईकिल के
पहिए चैक कर पंचर तो नहींयं
पंचर हो तो फटाफट गनी खां के जा
निकड़़ा के ला
देखें कितने जल्दी करता है
शाबास बेटा
और सुणाओ साब
अखबार पडो तो ले जाओ
ऐ लड़की सुषमा कमरों के ताले लगा
अच्छा साब राम-राम
इस्कूल खोलने में देरसेर हो जाती है तो
गांव में कोई कान तो नहीं हिलाता ना
वैसे तो आपके रहते कोई दिक्कत नहीं है
फिर भी जमाना खराब है साब
वैसे तो लड़कों को चाबी दे रक्खी है
फिर भी
अच्छा साब चलूंगा
तीन ही बजे हैं लेकिन
क्या है शाम को कुछ गैस्ट आणेवाले हैं
गांव यहां से नैट बीस पड़ता है
ओके ओलदि-भस्ट