भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्राथमिकता / सुषमा गुप्ता
Kavita Kosh से
दो लोगों का प्रेम
होता नहीं है कभी एक-सा।
वह जब भी मिलता है मुझसे
सामान्य होती हैं
उसकी परिस्थितियाँ
परिस्थितियाँ कैसी भी हों मेरी
मैं मिल ही लेती हूँ उससे।