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प्रार्थना / वत्सला पाण्डे

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वह सुनता है
प्रार्थना

खाली नहीं लौटाता
कभी
प्रार्थित हाथ

पर
क्या जानते हैं
वे हाथ
प्र्रार्थना हो सके थे
स्वयं भी
किसी एक पल में