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प्रीत / रामस्वरूप किसान

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प्रीत-
हिवडै़ रो खालीपण
जुदाई में तो
खाली ई खाली
मिलण में ई
खाली-खाली

प्रीत-
उण भूख रौ नांव
जकी बिन जिम्यां तो
मिटै ई क्यां री
जीम्यां ईं नीं मिटै

प्रीत-
उण तिरस रौ नांव
जकी पींवता-पींवता ईं
लागती रैवै

प्रीत-
उण चेतना रौ नांव
जकी दिन-रात
जागती रैवै

प्रीत-
एक मीठी पीड़
जिण री औखद कोनी

प्रीत-
एक मीठौ पैडौ
जिण री मंजिल कोनी

प्रीत-
एक मीठौ जुद्ध
जिण में
हार कोनी
जीत कोनी

 
प्रीत-
एक इसौ रिस्तौ
जिण में दुसमण कोनी
मीत कोनी

प्रीत-हुळस
प्रीत-हांसी
प्रीत-आंसू

प्रीत-इसौ घाव
जिण सूं सगळै रसां रौ रिसाव

प्रीत-मां
प्रीत-बाप
प्रीत-प्रेमी री गाल पर/प्रेमिका रो थाप

प्रीत रै पांव
प्रीत-पागंळी
प्रीत-बूढ़ै री लाठी
टाबर री आंगळी

प्रीत-बिस्वास रौ मरम
प्रीत-गधै रै मूत में
छाछ रौ भरम

प्रीत-दतर री रीत,
अफसर री आंख,
चमचै री पांख,
कलर्क रा दांत,
दरबान री आंत

प्रीत-कचैड़ी में
ऊंघतै किरसे री उबासी

प्रीत-तिलाक री मेज पर
बच्चै री उदासी

प्रीत-जज रौ फेसलौ,
प्रार्थी री उडीक

प्रीत-सांच रै काळजै उठती डीक।