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प्रेम और युद्ध / सुरेश बरनवाल

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तुम्हारे पास युद्ध है
मेरे पास प्रेम।
आओ बदल लें
तुम प्रेम ले लो
महक जाओ
और हवा बन जाओ
मैं युद्ध लूंगा
उसे पी जाऊंगा
और पानी बन जाऊंगा।
तुमने जहां-जहां रक्त फैलाया है
मुझसे धो देना
और अपने हाथों से क्यारियां बना
उनमें प्रेम बो देना।