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प्रेम–तत्व-४ / रंजना जायसवाल

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खो गये हम
भूल -भुलैया में
मैं ढूँढती रही तुम्हें
कि शायद
ढूँढ़ रहे होगे तुम भी
कोई रास्ता
मुझ तक पहुँचने का