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प्लास्टिक सर्जरी / अविरल-अविराम / नारायण झा

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हाड़-मासु, शोणित-मज्जा
निज प्राण वायु अछैत
भारतीय सभ्यता संस्कृतिक
सभ दिससँ सभ
पकड़ि-धकड़ि, कंठ-मोकि
करा रहलैए
प्लास्टिक सर्जरी
जतS-ततS सँ
उघि कS सरंजाम

सभ लेलकै ठानि
मोने-मोन मानि
नहि छोड़तै केयो
जे कएने छै भीष्म-प्रतिज्ञा
पहिरेबा लेल नबका खोल

अदौकालसँ वस्त्र लेल
खगल रहै लोक
तेँ...
एखन भरलो-पूरल
वसन बारि
निर्वस्त्रताक वरण करबै छै निर्विकार
पहिरा रहल छै गरदनिमे
प्लास्टिकक चकभुकिया पुष्प-माल
रहैत गमकौआ माला
अछैत स्वर्णाभूषण
पहिरा रहलैक
चानीक गहना
सोनाक पानि चढ़ेलहा
मलि रहलैए
वासनाक मुख पर
प्रणयक एसनो-पाउडर
बना रहलैए
सभ तरहेँ निरदिस

निरंकुश, उताहुल भेल
कतय जा रहलैए
हमर समाज
हमर व्यवस्था
हमर पुरखाक अरजल संस्कार
हमर सम्बन्ध
हमर सम्बोधन
परस्पर आबलम्बन
पुरुषार्थ
आ हमर भारतीय संस्कृति

की?
तर्पण कइए कS रहबै
आब तँ तुलसियो
ताकैइए पड़त!