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फसलै / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
Kavita Kosh से
विश्व बैंक मेॅ भारत फसलै केना चुकैभऽ सूद हो,
काजू, किसमिस सं अच्छा छै, आम, केला, अमरूद हो।
भारत मैया केॅ आँखऽ में भरलऽ ढ़ब-ढ़ब लोर छै,
पेट-पीठ मं सट्ठी गेलै एक्को गो नै खोर छै,
पेप्सी-कोला छोडऽ भैया सबसं अच्छा दूध हो-
विश्व बैंक मेॅ भारत फसलै केना चुकैभऽ सूद हो।
कालगेट, पेप्सोडेन्ड करीकं बिन दातऽ के दाँत छै,
कलयुग केरऽ बच्चा बूतरू दसे बरस मेॅ मातै छै,
उखड़ी चढ़ी बराबर होय मं गिरीहऽ नै भूद-भूद हो,
विश्व बैंक मेॅ भारत फसलै केना चुकैभऽ सूद हो।
भारत केॅ बाजार बुझी केॅ रोज विदेशी आवै छै,
देश कॅे बड़का-बड़का भैया होकरे गीतवा गावै छै
मिट्ठऽ-मिट्ठऽ बात सुनी केॅ लागै छै गूद-गूद हो।
विश्व बैंक मेॅ भारत फसलै केना चुकैभऽ सूद हो।