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फिर दीवाली आई / कमलेश द्विवेदी

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दीप जलाओ ख़ुशी मनाओ चुन्नू-मुन्नू भाई.
फिर दीवाली आई देखो फिर दीवाली आई.

जय गणेश की-जय लक्ष्मी की,
चलो करें हम पूजन।
इतनी ज़्यादा करें रोशनी,
जगमग हो घर-आँगन।
गली-गली से अंधकार की कर दें आज विदाई.
फिर दीवाली आई देखो फिर दीवाली आई.

मीठे-मीठे हाथी-घोड़े,
मीठी-मीठी चिड़िया।
शक्कर के सब बने खिलौने,
कितने बढ़िया-बढ़िया।
खील-खिलौने खायें जी भर, खायें आज मिठाई.
फिर दीवाली आई देखो फिर दीवाली आई.

चरखी और अनार छुड़ायें,
किरणों-सी फुलझड़ियाँ।
प्रभु से करें प्रार्थना मिलकर-
सदा रहें ये घड़ियाँ।
यह त्यौहार रोशनी वाला सबको हो सुखदाई.
फिर दीवाली आई देखो फिर दीवाली आई.