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फुंवार‘र तारा / लक्ष्मीनारायण रंगा
Kavita Kosh से
मौसम महाराणी
घुमा री है
अस्सीकळी रौ
घेर-घुमेर
बादळी-घाघरो,
जिण रै
लूमते-झूमते
नाड़े में
जड़ियोड़ा
तारा-मोती,
कळी-कळी में
टंकियोड़ा
रंग-रंगीला काच
करै
जगमग-जमगम