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फूल न तोड़ो / महेंद्रसिंह जाडेजा
Kavita Kosh से
फूल न तोड़ो
याद टूटेगी.
फूल के साथ याद
याद के साथ फूल
मैं मशगूल ।
अरे यहाँ तो
तेरी मेरी आँखें,
आँखों में है जंगल,
जंगल में इक रस्ता
रस्ते पर दो फूल
फूल न तोड़ो
याद टूटेगी.
मूल गुजराती भाषा से अनुवाद : क्रान्ति