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फूल मुझे ला दे बेले के / त्रिलोचन

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माली के छोकरे, माली के छोकरे

फूल मुझे ला दे बेले के


बेले की कलियों के गजरे बनाऊँगी

पाँच-पाँच लड़ियों के गजरे बनाऊँगी

हाथों में कंगन गले बीच हार

बालों में होगी लहरिया बहार

पूनम शरद की रात आज आई है

फूल मुझे ला दे बेले के


चली गईं मेरी सखियाँ सहेलियाँ

फूलों से भर-भर आई हैं बेलियाँ

छूटे घरौंदे छूटा गुड़ियों से प्यार

छूट गए खेल-खिलौने अपार

पूजा की साध आज मेरे मन जागी है

फूल मुझे ला दे बेले के


देख, लोढ़ लाना न कहीं निरी कलियाँ

खुल-खुल पड़ने को हों ऎसी कलियाँ

जाकर देखना लेना उतार

हौले-हौले हाथों से लेना उतार

कह देना, ऊर्मि तुम्हें न्यौता दे आई है

फूल मुझे ला दे बेले के