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बचबा कथी ले कानै छै / छोटे लाल मंडल
Kavita Kosh से
जवे सियारीन गर्भावस्था में
सियारें खोजै सुरक्षित घोर,
जंगल झारी दौड़तें दौड़तें,
मिली गेलै वघवा कें खोंड़।
सव कुछ यहाँ ठीके ठाक छै
हलका करैं प्रसव के भार,
मतर एक छै भय अतिभारी
एक दिन मचै तैं वग्घवा के रार।
वघवा वघिनियां लौटी के अैइलै,
गुर्रावैं छै मोखा द्वार,
चेंगना चेंगनी चें भें में करै छै,
दखल कैलकै कौवनें घरवार।
चतुर सियार सियारीन सें वोलै,
वचवा कथी ले कानैं छौ,
तीन दिनां सें भुखलो चेंगना,
शेरांे के मसवां मांगै छौ।
हेतना सुनि के वघवा भागलै
लोमरी देखै तमासा छै,
जंगल केरो राजा जे छैलै
गीदड़ों सें उँ भागैं छै।
नै है ठहरलै चतुर गीदड़ छै
पंछी में जेना कौवा छै,
जंगलो में ते झौवा वढ़लो
आदमी में कहै छै नौआ छै।