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बच्चे हैं अनमोल धरोहर / हरेराम बाजपेयी 'आश'

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बच्चे हैं अनमोल धरोहर, राष्ट्रपिता जी कहते थे,
बच्चों का संग खेले वह तो बच्चों के संग हँसते थे।
बच्चे हैं तकदीर देश की,
इनकी खूब संभाल करो,
भावी कर्णधार हैं ये तो,
इंका पूर्ण विकास करो,
अपने व्याख्यानों में बापू यही तो सन्देश देते थे। बच्चे हैं॥1॥
बच्चे तो कच्ची मिट्टी से
चाहे जिस रूप में ढालो,
इसके लिए ज़रूरी पहले,
इसके तन और मन को पालों,
तभी तो मूरत बनेगी सुन्दर,
दयानन्दजी कहते थे। बच्चे हैं2॥
पहले पोषण सही ज़रूरी,
स्वास्थ्य बिना सब बात अधूरी,
गए बचपन कमजोर रहेगा,
मक्खन दूध पौष्टक भोजन, श्रीकृष्णजी करते थे। बच्चे है॥3॥
हर बच्चे को अधिकार मिला हैं,
पढ़ें लिखें और बने महान,
इसमें हो सहयोग सभी का,
और न कोई हो व्यवधान,
भेद कोई न हो विद्यालय में, भीमरावजी कहते थे। बच्चे॥4॥
बच्चों को जो शोषण करते,
उनका सब प्रतिकार करे,
न्यायिक दंड दिलाएँ उनको
और सामाजिक बहिष्कार करें,
आज के बच्चे कल के नागरिक,
चाचा नेहरू कहते थे। बच्चे हैं॥5॥