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बच्चों का ख़ून / इराक्ली ककाबाद्ज़े / राजेश चन्द्र
Kavita Kosh से
सैनिकों ने
मार्च किया
मेरे घर के सामने से, और
उन्हें देखते हुए
एक ख़याल ने आ घेरा मुझे –
क्या हो सकती है क़ीमत इस दुनिया में
इन बच्चों के ख़ून की ?
अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र
लीजिए, अब इसी कविता का जार्जियाई भाषा से अँग्रेज़ी अनुवाद पढ़िए
Irakli Kakabadze
Soldiers marched
Past my house, and
As I watched them,
a thought obsessed me —
What in this world could be worth
The blood of these children?!
Translated from Georgian by Mary Childs