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बतलाबोॅ जलदी / कस्तूरी झा 'कोकिल'
Kavita Kosh से
दादी कहिया ऐयतै बाबा
बतलाबोॅ जल्दी।
तनियों टा नैं मोॅन लगै छै,
बतलाबोॅ जल्दी।
कौनें खिलैतै सुग्गा मैना,
बतलाबोॅ जलदी।
कौनें सुतैतै गीत गाबी केॅ
बतलाबोॅ जलदी।
केकरा पेटोॅ पर सुतबै हो?
बतलायोॅ जलदी
भैया, मम्मी केॅ डाँट तै
बतलाबोॅ जलदी।
फोटोॅ से देखै छै हमरा,
नीचे नैं आबै छै।
धीरें सें बोले छै दादी
कुछ नैं सुनाबै छै।
दादी केॅ की होलै बाबा?
बतलाबोॅ जलदी।
पापा भी कुछ नैं बोलै छै
उलटे डाँटे छै।
बड़का पापा दिल्ली में छै
बड़की मम्मी दीदी वहीं,
की पूछियै कोमल भैया सें?
बतलाबोॅ जलदीं।
नैतेॅ हम्में रूसी जैभों
नैं बनभौं नूनू तोरों।
नैं बुलबुल नें लाल कबूतर
कानमों जोरोॅ सें
नैं ते दादी कखनी ऐयतै?
बतलाबोॅ जलदी।
02/07/15 पूर्वाहन 11 बजे