बधावा / 2 / राजस्थानी
सवरवरिया री पला पिया आंबूलो सो ऊगियो।
आंबूलो सो उगियो बन फल लाग्या।
ए बन फल गौरा छीतरमल सा ने दीजो।
ए बन फल गौरा... सा ने दीजो।
भायां-भायां ने दीजो वांकी राण्यां ने दीजो।
कंवरा भवरां ने दीजो वांकी लाडललडयां ने दीजो।
चूल्हा परलो दूध गौरी उफणबा मत दीजो।
गोदी मायंला लाल गौरी रोबा मत दीजो।
रोबा मत दीजो हुलराय दूध पिलायजो।
सेजां मायंला श्याम गौर रुसबा मत दीजो।
रूसबा मत दीजो मनायर आगा लीजो।
पेटी मायला कपड़ा गौरी गलबा मत दीज्यो।
गलबा मत दीज्यो पेयर लावो लीज्यो।
डाबा मयलो गेणो गौरी घीसबा मत दीज्यो।
जोर घिस तो पेयर लावा लीज्यो। इसड़ो बधावो सायबा मोल मंगाद्यो।
मोल न आवे गौरी तोल न आवे। देवर जिठाण्यां गौरी हिल मिल गावे।
देवर जिठाण्यां जो सायबा मुखड़े न बोलो। आस पाड़ोस गौरी हिल मिल गावे।