बररूपा बस्ती / रूप रूप प्रतिरूप / सुमन सूरो
लाल माँटी वाला यै छोटोॅ रं बस्ती में
बारोॅ रं लोग छै!
एक टा पछियारा के पक्का के घोॅर
खण्डोॅ के साफड़ी में ऐलोॅ छै फोॅर
बच्चा के तोड़ छै, जोगबारोॅ जोड़ छै
साफड़ी के फोॅर की? मङनी में लिखलोॅ नै पत्ता के भोग छै!
दस टा सौंतारोॅ के बड़का बहियार
दुनियाँ के बास्ते छै खुल्ला दरबार
घर-ऐङनोॅ खाली छै, बिस्टी के लाली छै
सब बच्चा-बुढ़बा में तय्यो खुशियाली के अनटेटलोॅ जोग छै!
यै तरफों बसलोॅ छै भुइयाँ-कहार
वै तरफों धोबी आ नौवा-कुम्हार
एक पोखर बढ़ियाँ छै, दस टा गूगड़िया छै
भाँग-गाँजा-दारू के सौंसे टा बस्ती में मस्ती के रोग छै!
कोन जूग-जूगोॅ सें होलोॅ छै मेल?
कहिया सें साथें छै एतना बेमेल?
कोय नी बताबै छै, बस चल्लोॅ आबै छै
नेहोॅ में डूबै लेॅ, घिरना सें ऊबै लेॅ, लोगोॅ पर लोग छै!