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बरसात-1 / अवतार एनगिल
Kavita Kosh से
तुम्हारे संग
रिम-झिम के दिन
जैसे छोटे-छोटे सुख
तुम्हारे बिना
बरसात का सिलसिला
जैसे अन्नंत दुःख।