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बस्ता / शेरजंग गर्ग
Kavita Kosh से
रंग-बिरंगा बस्ता है,
बस्ता तो गुलदस्ता है।
इसमें रखी हुई किताब,
इसमें हँसते लाल गुलाब।
चलो सभी को बाँटें फूल,
फिर पहुँचें झटपट स्कूल।