बाँसुरिया काहे बजाई / शैलेन्द्र
बाँसुरिया काहे बजाई, बिन सुने रहा नहीं जाए रे !
मीठी नज़र काहे मिलाई, बिन देखे रहा नहीं जाए रे !
बाँसुरिया काहे बजाई बिन सुने रहा नहीं जाए रे !
जाने अनजाने जब मुख पे किसी के आए तेरा नाम, तेरा नाम
जाने अनजाने
सर से सरक जाए चुनरी सहेली करे बदनाम, बदनाम
होवे रे हमरी जगत हँसाई, रे कान्हा !
बाँसुरिया काहे बजाई, बिन सुने रहा नहीं जाए रे !
मीठी नज़र काहे मिलाई बिन देखे रहा नहीं जाये रे
हँस-हँस जादू कर जावें दो नैन तेरे, नैन तेरे
ये दो नैन तेरे
तुम जित जावो उत जावें दो नैन मेरे, नैन मेरे
ये दो नैन मेरे
हो गई हमरी निन्दिया पराई, हो राधा !
मीठी नज़र काहे मिलाई, बिन देखे रहा नहीं जाए रे !
बाँसुरिय काहे बजाई, बिन सुने रहा नहीं जाए रे !
छोड़ो छोड़ो हमरी बैन बिहारी, हमें छेड़ो ना, छेड़ो ना
बतियाँ बनाके
बतियाँ बनाके हमें अपना बनाके, मुख फेरो ना, फेरो ना
प्रेम डगरिया बड़ी दुखदाई रे ...
कान्हा बाँसुरिया काहे बजाई बिन सुने रहा नहीं जाए रे !
मीठी नज़र काहे मिलाई बिन देखे रहा नहीं जाए रे
बिन सुने रहा नहीं जाए रे
ओ बिन देखे रहा नहीं जाए रे
(फ़िल्म - आग़ोश 1953)