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बात जब मन को छू गयी होगी / रंजना वर्मा

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बात जब मन को छू गयी होगी।
आँख में कुछ नमी रही होगी॥

करके वादा न वह कभी आया
फिर भी उम्मीद तो हुई होगी॥

यार ने की थी बेवफ़ाई जब
जान पर उसके बन गयी होगी॥

कर गयी जख्म जो तरो ताज़ा
पीर दिल की वह अनकही होगी॥

जो लिपटती रही है दामन से
वो कोई और चाँदनी होगी॥